इस महीने रेडी हो जाएगा भारत का हल्का टैंक, ऊंचाई वाले इलाकों में साबित होगा ‘ब्रह्मास्त्र’ देश का पहला हल्का टैंक इस महीने के आखिर तक तैयार हो जाएगा। फिलहाल इसे सेना ने ‘जोरावर’ नाम दिया है। जोरावर को पूर्वी लद्दाख में चीन को काउंटर करने के मकसद से बनाया गया है।
पहला स्वदेशी हल्का टैंक इस महीने हो जाएगा रेडी105mm की गन से लैस, चीनी टैंक पर पड़ेगा भारीपूर्वी लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में होगा तैनातभारत और चीन के बीच हाई ऑल्टिट्यूड वाले इलाकों के लिए नया हल्का टैंक तैनात किया गयापूर्वी लद्दाख में आंख दिखा रहे चीन की खैर नहीं! 2020 में उसने हाई ऑल्टिट्यूड वाले दुर्गम इलाकों में हल्के टैंक तैनात किए।
भारत को भी हल्के टैंकों की जरूरत महसूस हुई, 25 टन कैटेगरी में। नए टैंक के निर्माण को अप्रैल 2022 में मंजूरी दी गई। डिफेंस रिसर्च एंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने लार्सन एंड टूब्रो (L&T) को साथ लिया और काम शुरू हो गया। इस महीने के आखिर तक यह ट्रायल के लिए तैयार हो जाएगा। सेना ने अभी इसे ‘जोरावर’ नाम दिया है।
हालांकि, इसे अनूठे चेसिस के साथ बनाया गया है। टैंक का वजन 25 टन से कम रखा गया है ताकि अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ज्यादा मोबिलिटी मिले। इसमें जॉन क्रॉकरिल की बनाई 105mm की गन लगी है। जोरावर टैंक में हमलों से बचने के लिए एक्टिव प्रोटेक्शन हो सकता है।
लड़ाई के मैदान में ज्यादा विजिबिलिटी के लिए इसमें एक अनमैन्ड एरियल वीइकल (UAV) इंटीग्रेट रहेगा। इस टैंक को केवल हाई ऑल्टिट्यूड वाले इलाकों में ही नहीं, सभी तरह की टेरेन में काम करने के लिए बनाया गया है। चूंकि यह बेहद हल्का है, इसे फौरन ही हवा के जरिए ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है।