दिल्ली के उपमुख्यमंत्री बनने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर भाजपा नेता प्रवेश वर्मा ने पार्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि वह हमेशा एक समर्पित कार्यकर्ता बने रहेंगे।
मीडिया से बात करते हुए वर्मा ने पार्टी द्वारा उन्हें सौंपी गई किसी भी जिम्मेदारी को निभाने के लिए अपनी तत्परता व्यक्त की, और पूरी ईमानदारी के साथ भाजपा की
सेवा करने के अपने समर्पण पर जोर दिया। “मैंने हमेशा कहा है कि मैं भाजपा का एक समर्पित कार्यकर्ता हूं , और मैं हमेशा ऐसा ही रहूंगा। भाजपा ने मेरे पिता को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया, और वह अपनी आखिरी सांस तक पार्टी की सेवा करते रहे। पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, मैं उसे पूरी लगन से निभाऊंगा,” परवेश ने कहा।
इसके अलावा, भाजपा विधायक ने जोर देकर कहा कि वे अपने घोषणापत्र में किए गए हर वादे को पूरा करेंगे।
प्रवेश वर्मा कहा,” दिल्ली की जनता ने हमें बहुत प्यार दिया है और आज 27 साल बाद दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने जा रही है। मैं प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करता हूं , जिनके विकास के विजन ने लोगों का विश्वास जीता है। लोगों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम दिल्ली को सबसे खूबसूरत राजधानी बनाने में सफल होंगे।
“प्रवेश वर्मा,” मैं दिल्ली के सभी कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं देता हूं, क्योंकि उनकी मेहनत रंग लाई है। आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। हमने विकसित दिल्ली के लिए जो वादा किया था, उसे पूरा किया जाएगा। हमने अपने घोषणापत्र में जो कुछ भी उल्लेख किया है, उसे हम पूरा करेंगे।”
दिल्ली के रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण समारोह में रेखा गुप्ता दिल्ली की सीएम पद की शपथ लेंगी । परवेश साहिब सिंह, आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविंदर इंद्राज सिंह, कपिल मिश्रा और पंकज कुमार सिंह सहित छह अन्य मंत्री भी शपथ लेंगे।

रेखा गुप्ता दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री होंगी। राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा , कांग्रेस और आम आदमी पार्टी
की महिला मुख्यमंत्री रह चुकी हैं । वह आतिशी की जगह लेंगी। शालीमार बाग सीट से निर्वाचित विधायक रेखा दिल्ली में भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव और इसकी राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की सदस्य रह चुकी हैं।
इन भूमिकाओं में, उन्होंने हाशिए पर पड़े समुदायों और महिलाओं के कल्याण के लिए कई अभियान चलाए। भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा ) 27 साल बाद राष्ट्रीय राजधानी में सरकार बना रही है।
इस महीने की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीतीं, जबकि आम आदमी पार्टी केवल 22 सीटें ही जीत सकी। कांग्रेस लगातार तीसरे चुनाव में अपना खाता नहीं खोल सकी।