पुलवामा जैसा हमला:- बलूच लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तान के कब्जे वाले स्वतंत्र बलूचिस्तान के नोश्की में आत्मघाती हमला किया, जिसमें 90 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 150 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक घायल हो गए।
बलूचिस्तान के नोश्की जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग पर फ्रंटियर कोर (एफसी) के काफिले के पास हुए विस्फोट का विस्तृत विवरण

परिचय
बलूचिस्तान, पाकिस्तान का सबसे बड़ा और संसाधन संपन्न प्रांत होने के बावजूद अशांति और अलगाववादी गतिविधियों का गढ़ रहा है। यहाँ लंबे समय से पाकिस्तान के कब्जे वाले स्वतंत्र बलूचिस्तान की बलूच लिबरेशन आर्मी और पाकिस्तानी सेना के बीच संघर्ष जारी है। 16 मार्च 2025 को बलूचिस्तान के नोश्की जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग पर फ्रंटियर कोर (एफसी) के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ। इस हमले ने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।
इस विस्तृत रिपोर्ट में हम इस हमले से संबंधित सभी पहलुओं—हमले का स्वरूप, जिम्मेदारी, घटनास्थल की स्थिति, सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया, संभावित कारण, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और इसके प्रभाव—का विश्लेषण करेंगे।
हमले का विवरण

घटनास्थल और समय
यह हमला पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत पाकिस्तान के कब्जे वाले स्वतंत्र बलूचिस्तान के नोश्की जिले में हुआ। यह इलाका अफगानिस्तान और ईरान की सीमा के करीब स्थित है और यहां पाकिस्तानी सेना तथा फ्रंटियर कोर (एफसी) की बड़ी उपस्थिति है। हमला राष्ट्रीय राजमार्ग (N-40) पर हुआ, जो कि पाकिस्तान और ईरान को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मार्ग है।
घटना 16 मार्च 2025 को दोपहर लगभग 1:30 बजे हुई, जब एफसी का काफिला नियमित गश्त के बाद अपने बेस की ओर लौट रहा था।
हमले की प्रकृति
- आत्मघाती हमला: हमले को एक आत्मघाती हमलावर द्वारा अंजाम दिया गया। हमलावर ने विस्फोटकों से लदी एक कार को एफसी के काफिले में मौजूद बस से टकरा दिया।
- विस्फोट की तीव्रता: विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि बस के परखच्चे उड़ गए और आसपास के वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए। इस धमाके से लगभग 100 मीटर के दायरे में मौजूद इमारतें भी क्षतिग्रस्त हुईं।
- हथियारों का इस्तेमाल: विस्फोट के तुरंत बाद आतंकवादियों ने स्वचालित हथियारों से गोलीबारी शुरू कर दी। जवाब में एफसी के जवानों ने भी फायरिंग की, जिससे दोनों पक्षों के बीच लगभग 30 मिनट तक मुठभेड़ चली।

नुकसान और हताहतों की संख्या
हमले में कम से कम 90 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 150 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक घायल हो गए।
- एफसी जवानों की मौत: 90 सैनिकों की मौके पर ही मौत हो गई।
- गंभीर रूप से घायल: 150 जवानों की हालत गंभीर बताई गई है और उन्हें इलाज के लिए क्वेटा के एक सैन्य अस्पताल में भेजा गया है।
- आतंकवादी मारे गए: पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के अनुसार, जवाबी कार्रवाई में 3 पाकिस्तान के कब्जे वाले स्वतंत्र बलूचिस्तान की बलूच लिबरेशन आर्मी के जवान भी मारे गए।
पाकिस्तान के कब्जे वाले स्वतंत्र बलूचिस्तान की बलूच लिबरेशन आर्मी ने (BLA) ने दावा किया कि इस हमले में 90 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, लेकिन सरकारी अधिकारियों ने इस दावे को खारिज कर दिया।
#Balochistan: The Baloch Liberation Army has claimed responsibility for carrying out a 'Fidayee' (SVBIED) attack targeting a convoy of the Pakistan Army in #Noshki district. Following the blast, another bus was ambushed by the special unit of BLA – the Fateh Squad, BLA said in… pic.twitter.com/SQyUGVmw48
— Bahot | باہوٹ (@bahot_baluch) March 16, 2025
हमले की जिम्मेदारी
हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के कब्जे वाले स्वतंत्र बलूचिस्तान की बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ली है।
- BLA का दावा: संगठन ने कहा कि यह हमला पाकिस्तान की सेना द्वारा बलूच लोगों के दमन और जबरन गुमशुदगी के खिलाफ एक जवाबी कार्रवाई थी।
- BLA का उद्देश्य: BLA बलूचिस्तान की स्वतंत्रता के लिए लड़ रहा है और अक्सर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों को निशाना बनाता है।
- BLA की रणनीति: हाल के वर्षों में, BLA ने आत्मघाती हमलों और उच्च-स्तरीय हमलों की रणनीति अपनाई है, जिससे पाकिस्तानी सेना को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।

बलूचिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों की पृष्ठभूमि
बलूचिस्तान का असंतोष
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा और संसाधन संपन्न प्रांत है, लेकिन इसे लंबे समय से आर्थिक और राजनीतिक हाशिए पर रखा गया है। बलूच अलगाववादियों का कहना है कि इस क्षेत्र के संसाधनों का उपयोग पाकिस्तान सरकार कर रही है, जबकि बलूच लोगों को विकास और नौकरियों से वंचित रखा गया है।
बलूच अलगाववादी संगठन
बलूचिस्तान में कई विद्रोही संगठन सक्रिय हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) – यह सबसे सक्रिय और आक्रामक संगठन है, जिसने हाल के वर्षों में आत्मघाती हमलों को प्राथमिकता दी है।
- बलूच रिपब्लिकन आर्मी (BRA) – यह संगठन भी पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाता है।
- बलूच लिबरेशन फ्रंट (BLF) – यह संगठन भी सशस्त्र संघर्ष में शामिल है और स्वतंत्र बलूचिस्तान की मांग करता है।
पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई
पाकिस्तान सरकार ने बलूचिस्तान में अलगाववादियों के खिलाफ कई सैन्य अभियान चलाए हैं।
- 2006 में, नवाब अकबर बुगती की हत्या के बाद विद्रोह और तेज हुआ।
- 2015 में, पाकिस्तानी सेना ने “ऑपरेशन जर्ब-ए-अज़्ब” के तहत बलूचिस्तान में आतंकियों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया।
- 2020-2024 के बीच, बलूच अलगाववादियों और पाकिस्तानी सेना के बीच संघर्ष और तेज हो गया।
इस हमले के राजनीतिक और रणनीतिक प्रभाव
पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा पर असर
यह हमला पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
- पाकिस्तान सरकार यह दावा करती रही है कि उसने आतंकवाद को काबू में कर लिया है, लेकिन यह हमला दिखाता है कि अलगाववादी समूह अभी भी बड़े हमले करने की क्षमता रखते हैं।
- इस हमले से यह भी स्पष्ट होता है कि बलूचिस्तान में विद्रोह अभी खत्म नहीं हुआ है।
पाकिस्तान-चीन संबंधों पर असर
बलूचिस्तान में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) परियोजना चल रही है, जिसमें अरबों डॉलर का निवेश किया गया है।
- बलूच विद्रोही संगठन इस परियोजना का विरोध करते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इससे बलूच लोगों को कोई लाभ नहीं मिलेगा।
- यदि इस तरह के हमले जारी रहते हैं, तो यह चीन की सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा सकता है और निवेश प्रभावित हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
- अमेरिका और भारत: अमेरिका और भारत पहले ही बलूचिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दे उठा चुके हैं।
- ईरान और अफगानिस्तान: ईरान और अफगानिस्तान ने इस हमले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार के चलते इस क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
निष्कर्ष
बलूचिस्तान के नोश्की जिले में हुआ यह हमला पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है।
- यह हमला दिखाता है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले स्वतंत्र बलूचिस्तान की बलूच लिबरेशन आर्मी ने अलगाववादी अब आत्मघाती हमलों और उन्नत रणनीतियों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
- पाकिस्तान सरकार को पाकिस्तान के कब्जे वाले स्वतंत्र बलूचिस्तान की राजनीतिक और आर्थिक समस्याओं का समाधान निकालना होगा, अन्यथा यह संघर्ष और अधिक हिंसक हो सकता है।