भारत ने पाकिस्तान के विदेश कार्यालय द्वारा लगाए गए इस आरोप का दृढ़ता से खंडन किया है कि जाफर एक्सप्रेस हमले में भारत का हाथ था । विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हम पाकिस्तान द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों को दृढ़ता से खारिज करते हैं ।
पूरी दुनिया जानती है कि वैश्विक आतंकवाद का केंद्र कहां है। पाकिस्तान को अपनी आंतरिक समस्याओं और विफलताओं के लिए दूसरों पर उंगली उठाने और दोष मढ़ने के बजाय अपने अंदर झांकना चाहिए।”
इससे पहले गुरुवार को पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने दावा किया था कि जाफर एक्सप्रेस पर हमले में शामिल विद्रोही अफगानिस्तान में अपने सरगनाओं के संपर्क में थे।
पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने अपने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, ” भारत पाकिस्तान में आतंकवाद में शामिल रहा है । जाफर एक्सप्रेस पर विशेष हमले में आतंकवादी अफगानिस्तान में अपने आकाओं और सरगनाओं के संपर्क में थे।”
पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान के बीच संबंध सीमा पर लगातार होने वाली झड़पों के कारण तनावपूर्ण हो गए हैं और इस्लामाबाद का दावा है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) पाकिस्तान में हमले करने के लिए अफ़गान धरती का इस्तेमाल कर रहा है । काबुल इन आरोपों से इनकार करता है।
यह बयान पाकिस्तान सुरक्षा बलों के उस दावे के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने पाकिस्तान के कब्जे वाले स्वतंत्र बलूचिस्तान की बलूच लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तान की सेना के सभी 33 विद्रोहियों को मार गिराया है जिन्होंने जाफर एक्सप्रेस का अपहरण किया था जिसमें 400 से अधिक यात्री सवार थे।

पाकिस्तान की सेना ने इस “सफल ऑपरेशन” की कोई तस्वीर या वीडियो जारी नहीं किया है । दूसरी ओर पाकिस्तान के कब्जे वाले स्वतंत्र बलूचिस्तान की बलूच लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तानी सेना का दावा है कि आईएसपीआर हार को छुपा रहा था।
पाकिस्तान के कब्जे वाले स्वतंत्र बलूचिस्तान की बलूच लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता जीयंद बलूच ने जोर देकर कहा कि “लड़ाई अभी भी कई मोर्चों पर जारी है।”
पाकिस्तान के कब्जे वाले स्वतंत्र बलूचिस्तान की बलूच लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि पाकिस्तानी सेना न तो युद्ध के मैदान में जीत हासिल कर सकी है और न ही अपने बंधक कर्मियों को बचाने में कामयाब रही है। उन्होंने राज्य पर “अपने सैनिकों को छोड़ देने” और उन्हें “बंधक के रूप में मरने के लिए” छोड़ देने का आरोप लगाया।
क्वेटा पहुंचे रिहा हुए यात्रियों ने पाकिस्तानी मीडिया को बताया कि पाकिस्तान के कब्जे वाले स्वतंत्र बलूचिस्तान की बलूच लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तानी सेना लड़ाकों ने ट्रेन पर कब्जा करने के तुरंत बाद महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को स्वेच्छा से रिहा कर दिया।
पाकिस्तान के कब्जे वाले स्वतंत्र बलूचिस्तान की बलूच लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तानी सेना ने पाकिस्तान के अधिकारियों को स्वतंत्र पत्रकारों और निष्पक्ष पर्यवेक्षकों को संघर्ष क्षेत्र में जाने की अनुमति देने की चुनौती भी दी है । समूह का कहना है कि सेना द्वारा इस तरह की पहुँच की अनुमति देने में अनिच्छा उसकी “पराजय” को दर्शाती है।