कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच जुबानी जंग हुई है. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर शब्दों के बाण चलाए हैं. दरअसल, कांग्रेस और बीजेपी के बीच मध्य प्रदेश में सियासी घमासान चल रहा है. दोनों ही पार्टियां मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए जी-जान लगा रही हैं।
इस बीच प्रियंका ने सिंधिया पर एक रैली में जब तंज कसा तो केंद्रीय मंत्री भी पलटवार करने में पीछे नहीं हटे. मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही अपने स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारा है. हालांकि, बीजेपी की तरफ से कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो कभी कांग्रेस के लिए वोट मांगा करते थे।
ऐसा ही एक नाम है केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का, जिन्हें लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि उनका कद छोटा है, लेकिन अहंकार बड़ा। इस पर सिंधिया ने पलटवार करते हुए उन्हें अहंकार पर शिक्षा देने से पहले खुद शीशे में जाकर अपना चेहरा देखना चाहिए। प्रियंका ने क्या कहा? एमपी के दतिया में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रियंका ने कहा, ‘बीजेपी के सभी नेता थोड़े अजीब हैं।
‘कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘उन्होंने अपने परिवार की परंपरा का बखूबी पालन किया. गद्दारी तो बहुतों ने की, लेकिन उन्होंने ग्वालियर और चंबा की जनता से गद्दारी की और सरकार गिरा दी.’सिंधिया का पलटवार प्रियंका गांधी पर पलटवार करते हुए सिंधिया ने कहा कि अहंकार पर पाठ पढ़ाने से पहले उन्हें आईना देखने की जरूरत है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा, ‘प्रियंका गांधी पार्ट-टाइम नेत्री हैं तो इन दो परंपराओं के फर्क को समझने की उनमें क्षमता हो, इसकी आशा मैं नहीं करता – किस परिवार के सपूतों ने अफगानों से लेकर मुगलों और अंग्रेजों तक से भारत माता की रक्षा हेतु अपनी जान की कुर्बानी दी थी।
‘उन्होंने आगे कहा, ‘किसने चीन से भारत की रक्षा करना तो दूर, उन्हें भारतीय जमीन ही भेंट के रूप में दे दी थी? किस परिवार की दूसरी पीढ़ी ने सत्ता के लोभ में इमरजेंसी लगाई थी? और आज भी किस परिवार की वर्तमान पीढ़ी स्वयं विदेशी मंचों पर जाकर देश को बदनाम कर रही है?
‘क्यों कांग्रेस रहती है सिंधिया से नाराज?
दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2020 में बीजेपी का दामन थाम लिया था. सिंधिया को लेकर कहा जाता है कि उनकी राज्य की मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा रही है. जब 2018 में कांग्रेस को जीत मिली, तो राहुल गांधी ने उन्हें पीछे हटकर सीएम पद कमलनाथ को देने की बात कही। ऐसा ही हुआ और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने। मगर दो साल सरकार चलने के बाद सिंधिया 20 विधायकों संग बीजेपी में शामिल हो गए. इस वजह से कांग्रेस की सरकार गिर गई।
इस तरह राज्य में एक बार फिर से बीजेपी की सरकार बनी। तब से बीजेपी की सरकार ही चली आ रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री भी बनाया है।हालांकि, सिंधिया इस बात से इनकार करते रहे हैं कि वह सीएम बनना चाहते हैं. मगर जिस तरह से बीजेपी ने एमपी के लिए सीएम चेहरे का ऐलान नहीं किया है. उससे संभावनाओं को बल भी मिल रहा है।